Neem karoli baba : kainchi dham
नीम करोली (Neem Karoli baba) बाबा का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वे हनुमान जी के अनन्य भक्त थे और बहुत से लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते है। प्यार से लोग उन्हें महाराज जी के नाम से भी पुकारते हैं। Kainchi dham उनका आश्रम है जिसकी स्थापना उन्होंने सन् 1962 में की थी।
Neem Karoli baba के देशी-विदेशी भक्त:
बाबा के भक्तों में एक आम आदमी से लेकर अरबपति-खरबपति तक शामिल हैं। बाबा के इस पावन धाम में होने वाले नित-नये चमत्कारों को सुनकर दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं।
बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में बाबा नीब करौरी के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है।
नीम करोली बाबा का चमत्कार :
कहा जाता है कि एक बार यहां आयोजित भण्डारे में ‘घी’ की कमी पड़ गई थी। बाबा जी के आदेश पर नीचे बहती नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया गया। उसे प्रसाद बनाने के लिए जब उपयोग में लाया गया तो वह जल ‘घी’ में परिवर्तित हो गया। इस चमत्कार से आस्थावान भक्तजन नतमस्तक हो गए।
एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने भी यही से पाई थी प्रेरणा:
फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब की प्रेरणा का स्थल कैंची धाम ही है। यहां नीम करौली बाबा का कैंची धाम आश्रम इनके अलावा कई सफल लोगों के लिए प्रेरणा श्रोत साबित हुआ। एप्पल की नींव रखने से पहले स्टीव जॉब कैंची धाम आए थे। यहीं उनकों कुछ अलग करने की प्रेरणा मिली थी।
जिस वक्त फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग फेसबुक को लेकर कुछ तय नहीं कर पा रहे थे तो स्टीव जॉब ने ही उन्हें कैंची धाम जाने की सलाह दी थी। उसके बाद जुकरबर्ग ने यहां की यात्रा की और एक स्पष्ट विजन लेकर वापस लौटे।
kainchi dham पर 15 जून स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है :
कैंची धाम में हनुमान जी तथा अन्य मूर्तियों की स्थापना व प्राण प्रतिष्ठा 15 जून को अलग-अलग वर्षों में की गई थी। इस कारण 15 जून को हर वर्ष स्थापना दिवस अथवा प्रतिष्ठा वर्ष के रूप में मनाया जाता है। नीम करोली बाबा ने स्वयं कैची धाम के लिए भी, प्रतिष्ठा दिवस के रूप में, 15 जून का दिन ही तय किया था।
15 जून के दिन होता है विशाल भंडारे का आयोजन:
नैंनीताल भुवाली से 7 किलोमीटर की दूरी पर भुवालीगाड की बाई ओर कैंची धाम आश्रम स्थित है।15 जून के दिन हर वर्ष विशाल मेला और भंडारा आयोजित किया जाता है जिसमें एक लाख से अधिक श्रद्धालु देश-विदेश से आकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। कहा जाता है, इतने श्रद्धालु आने के बाद भी भंडारे में कभी भोजन या किसी अन्य सामग्री की कमी नहीं पड़ती क्योंकि नीम करोली बाबा इस दिन स्वयं भंडारे की देखरेख करते हैं।
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इस बार नहीं होगा kainchi dham पर ,15 जून को स्थापना दिवस मेले का आयोजन :
कोरोनावायरस के चलते, कि कहीं संक्रमण और ज्यादा ना फैल जाए ! आश्रम के ट्रस्ट ने यह फैसला लिया है कि इस बार स्थापना दिवस पर कोई आयोजन नहीं किया जाएगा।
56 साल में पहली बार ऐसा हो रहा है जब मंदिर के स्थापना दिवस पर आयोजन नहीं होगा। मंदिर ट्रस्ट और स्थानीय प्रशासन सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया है। यूं तो बाबा का दर्शन करने के लिए सालभर श्रद्धालुओं का आना लगा रहता है, लेकिन स्थापना दिवस पर भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता रहा है।