Maha Shivaratri
शिव-शक्ति के मिलन का यह पर्व अर्थात् महाशिवरात्रि (Maha Shivaratri) ऐसी मान्यता है इस दिन शिव एवं पार्वती का विवाह हुआ था।
भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि एक लोटा जल एवं बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाने से ही वे प्रसन्न हो जाते हैं। स्त्रियों को तो भगवान शिव का आशीर्वाद ही है कि उनकी पूजा से वे शीघ्र ही प्रसन्न हो जाएंगे। इस दिन भगवान शिव एवं मां गौरी का एक साथ पूजन करना चाहिए लेकिन सर्वप्रथम भगवान गणेश का पूजन करें और उसके बाद शिव-पार्वती का पूजन करें।
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भक्तगण को इस दिन (Maha Shivaratri) का बेसब्री से इंतजार रहता है। बहुत से भक्तगण कांवड़ यात्रा कर, गंगाजल भरकर लाते हैं और भगवान शिव को अर्पित करते हैं। हिंदू परिवारों में अधिकांश लोग शिवरात्रि (Maha Shivaratri) का व्रत रखते हैं जिसमें वह पूरे दिन अन्न ग्रहण ना करके केवल फलाहार ही करते हैं।
भगवान शिव का पूजन एवं अभिषेक (Maha Shivaratri) :
शिवरात्रि (Maha Shivaratri) के दिन गणेश जी, शिव एवं पार्वती (अगर संभव हो सके तो पूरे शिव परिवार) का पूजन (shivratri puja vidhi) करना चाहिए। इसके लिए आप उनके मंत्रों (shivratri puja mantra) से उनका पूजन कर सकते हैं इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप विशेष लाभकारी माना जाता है।
अगर आपके लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना संभव नहीं हो पा रहा है तो आप ‘ॐ नमः शिवाय’ पंचाक्षरी मंत्र का जाप भी शिवरात्रि के दिन कर सकते हैं। इसके लिए हम आपके लिए सिर्फ 6 मिनट में ॐ नमः शिवाय के 108 बार जाप का ( with counting) वीडियो लेकर आए हैं। जिससे आप कहीं भी कैसे भी आसानी से यह जाप कर सकें।अगर आपको हमारी वीडियोस अच्छे लगे तो हमारी Youtube Channel को Subscribe करें।
इस मंदिरों में जाकर लोग भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं जिसमें अलग-अलग सामग्री कुछ लोग डालकर चढ़ाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी खास मनोरथ के लिए अगर आप जलाभिषेक कर रहे हैं तो इस प्रकार आप अपने मनोरथ को पूर्ण कर सकते हैं। जिन लोगों के घर के आसपास शिव मंदिर नहीं है वे अपने घर पर भी शिवलिंग बनाकर, उन पर अभिषेक कर सकते हैं :
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विद्यार्थियों के लिए : विद्यार्थी गण कुशाग्र बुद्धि प्राप्त करने के लिए, भोलेनाथ का गंगा जल एवं दूध से अभिषेक करें।
व्यापारियों के लिए : कारोबार में घाटे को दूर करने के लिए व्यापारी गण शंकर जी को 11 लौटे जल से अभिषेक करें एवं शुद्ध घी से स्नान कराएं।
सुहागिन महिलाओं के लिए : महिलाएं अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शिव एवं पार्वती दोनों का पूजन करें एवं मां गौरी की कृपा पाने के लिए उन्हें सुहाग का सामान विशेषकर सिंदूर एवं मेहंदी अर्पित करें।
कुंवारी कन्याओं के लिए : कुंवारी कन्याओं को शीघ्र उनका जीवनसाथी प्राप्त हो, इसके लिए वे भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें एवं मां गौरी को हल्दी अर्पित करें।
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ढैया, साढ़ेसाती अथवा शनि महादशा के लिए : जिन लोगों की भी ढैया, साढ़ेसाती अथवा शनिदेव की महादशा चल रही है वह गंगाजल में शमी की कुछ पत्तियां डालकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
अशांत मन एवं रोग नाश के लिए : अगर आपका मन हमेशा अशांत रहता है और रोग हमेशा जकड़े रहते हैं या फिर आपकी कुंडली में विष दोष बना हुआ है तो जल में काले तिल डालकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
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सुख और शांति के लिए : घर में सुख शांति हमेशा बनी रहे इसके लिए आप भगवान शिव का पंचामृत से भी अभिषेक कर सकते हैं।
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