श्री गणेशाय नमः मित्रों !
आज हम सुनेंगे शीतला अष्टमी (बसौड़ा) की व्रत कथा (Sheetala Ashtami Ki Kahani). शीतला अष्टमी की कथा यूट्यूब पर सुनने के लिए क्लिक करें.
शीतला अष्टमी कब मनाई जाती है?
शीतला अष्टमी को बसौड़ा (Basoda) के नाम से भी जाना जाता है. यह व्रत, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में अष्टमी या अपने-अपने क्षेत्र के आधार पर, होली (Holi) के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार अथवा गुरुवार को भी किया जाता है. शुक्रवार को भी इस पूजन का विधान है. परंतु रविवार, शनिवार अथवा मंगलवार को शीतला का पूजन नहीं करना चाहिए. हालांकि, इन दिनों में यदि अष्टमी तिथि पड़ जाए तो पूजन अवश्य कर लेना चाहिए. (Sheetala Ashtami Ki Kahani)
शीतला अष्टमी में किसकी पूजा की जाती है?
शीतला अष्टमी में शीतला माता की पूजा की जाती है.
शीतला अष्टमी मनाने से क्या होता है?
इस व्रत के प्रभाव से व्रती का परिवार ज्वर, दुर्गंधयुक्त फोड़े-फुंसियों, आंखों से संबंधित सभी विकार, फुंसियों के निशान आदि रोगों और दोषों से मुक्त हो जाता है. ये व्रत करने से शीतला देवी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं. आइये अब कथा शुरू करते हैं..
शीतला अष्टमी (बसौड़ा) की व्रत कथा (Sheetala Ashtami Ki Kahani) :
किसी गांव में एक बुढ़िया माई रहती थी. शीतला माता का जब शीतला अष्टमी (बसौड़ा) आती तो वह ठंडे भोजन से कुण्डे भरकर पूजन करती थी और स्वयं ठंडा भोजन ही करती थीं. उसके गांव में और कोई भी शीतला माता की पूजा नहीं करता था. (Sheetala Ashtami Ki Kahani)
सुंदर एवं मनचाही पत्नी प्राप्त करने के लिए करें patnim manoramam dehi mantra
एक दिन उस गांव में आग लग गई, जिसमें उस बुढ़िया मां की झोपड़ी को छोड़कर सभी लोगों की झोपड़ियां जल गईं. जिससे सभी को बड़ा दुःख हुआ और इसके साथ ही बुढ़िया की झोपड़ी को सही-सलामत देखकर बड़ा ही आश्चर्य हुआ.
तब सब लोग उस बुढ़िया के पास आए और इसका कारण पूछा. बुढ़िया ने कहा कि मैं तो बसौडे़ के दिन शीतला माता की पूजा करके ठंडी रोटी खाती हूं,
उत्तम एवं मनोवांछित पति चाहिए तो करें Hey Gauri Shankar Ardhangini Mantra
तुम लोग यह काम नहीं करते. इसी कारण मेरी झोपड़ी शीतला मां की कृपा से बच गई और तुम सबकी झोपड़ियां जल गईं. तभी से शीतलाष्टमी (बसौड़े) के दिन पूरे गांव में शीतला माता की पूजा होने लगी तथा सभी लोग एक दिन पहले के बने हुए बासी पदार्थ (व्यंजन) ही खाने लगे. (Sheetala Ashtami Ki Kahani)
हे शीतला माता! जैसे आपने उस बुढ़िया की रक्षा की, वैसे ही हम सबकी भी रक्षा करना. कहानी सुनने वालों पर, कहानी कहने वाले पर और हुंकार भरने वाले पर, सभी पर अपनी कृपा बनाए रखना 🙏
जय हो शीतला माता की 🙏
Aries Sign : Mesh Rashi 2024 – कैसा रहेगा वर्ष 2024 मेष राशि वालों के लिए