usd vs inr : चढ़ता डॉलर, गिरता रुपया !आखिर क्यों?

usd vs inr

usd vs inr :

कोई आश्चर्य नहीं, USD डॉलर (usd vs inr) दुनिया में सबसे लोकप्रिय, शक्तिशाली मुद्रा में से एक है। यह दुनिया भर में चर्चा का एक केंद्रीय बिंदु रहा है। अमेरिका एक शक्तिशाली देश है , जिसकी मुद्रा दुनिया में सबसे शक्तिशाली मुद्रा है।अधिकांशतः हर देश इसे स्वीकार करता है !

भारत की आजादी के साथ प्रारंभ हुआ रुपए और डॉलर का खेल ,1947 में जहां रुपया ₹4.16 पैसे था वह 2020 में ₹75 के पास पहुंच गया है। यह हर साल रुपए की गिरती कीमत हर भारतीय के मन में, एक चिंता का विषय बनी रहती है।

USD डॉलर की Universal Acceptance पर भरोसा किया जा सकता है ,testimonials –185 अंतर्राष्ट्रीय मानक संगठन द्वारा मान्यता प्राप्त मुद्राओं को उनके देशों के बाहर बहुत कम कारोबार किया जाता है। यूरो और येन के साथ दुनिया में तीन सबसे अधिक कारोबार वाली मुद्राओं में से एक के रूप में सूचीबद्ध, यूएसडी $ वैश्विक व्यापार का लगभग 64% बनाता है। इस प्रकार, यह दुनिया की वास्तविक मुद्रा है। 1947 में अपनी आजादी के बाद से सभी भारतीय वर्षों से अमेरिकी डॉलर के मूल्य रूपांतरणों (Exchange Rate ) को जानना चाहते हैं तो 1947 से 2020 तक की डॉलर यात्रा को देखना दिलचस्प होगा।

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डॉलर की सापेक्ष , भारतीय रुपए के (usd vs inr) लगातार गिरने के कुछ मुख्य कारण :

1. Foreign direct investment ( FDI ), foreign portfolio investments ( FPI) and trade deficit (total exports-imports) में असंतुलन होना! आइए जानते हैं FDI , FPI एवं Trade Deficit के बारे में !

FDI : एक देश की कंपनी का दूसरे देश में किया गया निवेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश FDI कहलाता है।

FPI : किसी विदेशी व्यक्ति या कंपनी द्वारा किसी भारतीय कंपनी में लगने वाले पैसे को FPI कहा जाता है। विदेशी निवेशक उस कंपनी के शेयर या बांड खरीद सकता है !
Trade Deficit : आयात एवं निर्यात का अंतर ।

2. (usd vs inr )डॉलर का वैश्विक रूप से मजबूत होना :दुनिया का 85% व्यापार डॉलर $ में होता है ,दुनिया भर का कर्ज 39% डॉलर $ में दिया जाता है। यह भी रुपए के लगातार कमजोर होने का कारण है।

3. विकासशील देशों की मुद्रा का कमजोर होना : किसी भी देश की मुद्रा में जब गिरावट आती है तो उस देश के उत्पादों की मांग अन्य देश में बढ़ जाती है, इस कारण से निर्यात बढ़ जाता है एवं आयात के अधिकतर बिल विदेशी मुद्रा में चुकाने होते हैं। मुद्रा के गिरने के कारण अपने देश की मुद्रा अधिक खर्च होती है।

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4. विदेशी मुद्रा की जरूरतें : आयात के बिलों का भुगतान USD $ में किया जाता है !आपात स्थिति के लिए अपने देश का विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त मात्रा में इकट्ठा करके रखना हर देश की एक जरूरत है ।सभी बिलों का भुगतान विदेशी मुद्रा यूएस डॉलर में ही किया जा रहा है। इस कारण से विदेशी मुद्रा यूएस डॉलर का कितना भंडारण (Foreign Reserve ) किस देश ने किया है, वह उस देश की आर्थिक शक्ति को दिखाता है|

 


2 Comments on “usd vs inr : चढ़ता डॉलर, गिरता रुपया !आखिर क्यों?”

  1. Natesh Bargi says:

    Thanks for the key reasons for drop in INR rates.

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