Ganesh Chaturthi 2020: कल है गणेश चतुर्थी, जाने मुहूर्त एवं पूजा विधि

Ganesh Chaturthi

Ganesh Chaturthi 2020

महादेव और मां पार्वती के पुत्र श्री गणेश प्रथम पूज्य एवं विघ्नहर्ता माने जाते हैं। किसी भी कार्य को प्रारंभ करने से पहले अगर इनका स्मरण किया जाए तो कार्य निर्विघ्न पूर्ण होते हैं। इसके साथ ही श्री गणेश सद्बुद्धि तथा रिद्धि सिद्धि प्रदान करने वाले हैं। अतः आप भी गणपति बाप्पा को अपने घर लाकर, उनसे रिद्धि सिद्धि का वरदान प्राप्त कर सकते हैं।

गणेश चतुर्थी का पर्व श्री गणेश के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को श्री गणेश का उद्भव हुआ था।

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2020) की तिथि एवं मुहूर्त :

इस बार गणेश चतुर्थी 22 अगस्त 2020 को है। चतुर्थी तिथि का आगमन 21 अगस्त की रात 11:04 को हो जाएगा और यह 22 अगस्त शाम 7:58 तक रहेगी। इसलिए सर्वमान्य रूप से 22 अगस्त को ही गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी।

गणपति स्थापना ( Ganesh Chaturthi 2020) का समय:

वैसे तो 22 अगस्त को सुबह सूर्योदय से लेकर 7:58pm तक पूरे दिन ही चतुर्थी रहेगी। किंतु फिर भी अगर राहु काल को बचा कर गणपति की स्थापना की जाए तो उत्तम होगा। 22 अगस्त को राहुकाल 09:08 am से 10:46 am तक रहेगा।
अगर गणपति स्थापना की उत्तम मुहूर्त की बात की जाए तो 11:57am से लेकर 12:49pm तक कभी भी की जा सकती है क्योंकि यह अभिजीत मुहूर्त है।

Ganesh Chaturthi

 गणपति (Ganesh Chaturthi) की पूजा विधि :

अगर आप अपने घर में गणपति की स्थापना करना चाहते हैं सबसे पहले तो आप संकल्प लें। इसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर, गणपति बाप्पा की प्रतिमा को, मंत्र उच्चारण के साथ स्थापित करना चाहिए। ध्यान रहे प्रतिमा का मुख पूर्व की तरफ रहे।
श्री गणेश का आवाहन करके धूप दीप नैवेद्य से उनकी पूजा करें तथा उनके प्रिय मोदक उन्हें भोग में अर्पित करें। इसके बाद गणेश जी के इस मंत्र का, कम से कम 108 बार जाप करें ।अगर आप चाहें तो इस वीडियो के द्वारा भी 108 बार मंत्र कर सकते हैं। इसके बाद भगवान गणेश की आरती उतारे।

                  ॐ गं गणपतये नमः    

 

ध्यान रहे गणेश जी की जब स्थापना की जाती है तो उन्हें एक छोटे बच्चे के समान दुलार और प्यार दिया जाता है और कोशिश की जाती है कि कोई ना कोई उनके साथ रहे अकेला होने ना छोड़ा जाए।

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गणेश जी की स्थापना 10 दिन के लिए की जाती है। इसके बाद अनंत चतुर्दशी यानी भाद्रपद की चतुर्दशी को उनकी प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। कुछ लोग पूरे 10 दिन के लिए अगर गणपति की स्थापना नहीं कर पाते तो अपने संकल्प के अनुसार कम दिन की भी कर लेते हैं।

यह भी सुनें – ॐ गं गणपतये नमो नमः। श्री सिद्धि विनायक नमो नमः। अष्टविनायक नमो नमः। गणपति बप्पा मोरया।

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