Best sleeping position :
हम सभी जानते हैं कि सोना (sleeping) हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है! यह हमारे सेल्स की रिपेयर करता है और हमें रिलैक्सेशन देता है, जिससे हम अगले दिन तरोताजा होकर अपने कार्य को उत्तम तरीके से कर सकते है।
लेकिन क्या आप जानते हैं? कि आयुर्वेद के अनुसार, केवल सोने के सही तरीके (best sleeping position)से ही आप अपनी बहुत सारी बीमारियों से निजात पा सकते हैं क्योंकि सोने का गलत तरीका आपको बहुत सी बीमारियों की चपेट में ला सकता है।
अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो आज का आर्टिकल best sleeping position आपके लिए ही है:
सोने की विभिन्न मुद्राएं ( different sleeping positions):
हर इंसान की सोने की,अपनी एक अलग पोजीशन होती है, जिसमें लेट कर उसे आराम (comfort) मिलता है। किसी को पेट के बल सोकर आराम मिलता है तो किसी को पीठ के बल। कोई बाईं करवट सोना पसंद करता है तो कोई दाईं करवट।
लेकिन इनमें सबसे अच्छी सोने की पोजीशन best sleeping position कौन सी है। आइए जानते हैं :
1.पेट के बल सोना :
अगर आपको सोने की यह मुद्रा sleeping position) पसंद आती है तो आपको यह जानकर अच्छा नहीं लगेगा कि यह सोने की सबसे हानिकारक पोजीशन है। क्योंकि इस पोजीशन में पेट (stomach) और फेफड़ों (lungs) पर बहुत दबाव पड़ता है; जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
खासकर जो लोग अस्थमा (Asthma) और स्लीप एपनिया (sleep apnea) से परेशान है ; उन्हें कभी भी पेट के बल नहीं सोना चाहिए।
इस तरह से सोना, आपकी दिक्कतों को और बढ़ा सकता है इसके साथ ही इस तरह से सोने पर रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त जोर पड़ता है और आगे जाकर आप हमेशा के लिए कमर दर्द से समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं! पाचन (digestion) के लिए भी इस पोजीशन को अच्छा नहीं कहा जा सकता! अतः आप इस आदत को जल्दी से जल्दी सुधारने का प्रयास करें।
2. दाई करवट लेकर सोना:
अगर आपको दाईं करवट लेकर सोना पसंद है तो माफ कीजिएगा यह भी एक सोने की आदर्श मुद्रा नहीं है। दाईं करवट सोने से, आपका डाइजेशन और दिल पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
क्योंकि जैसा हम सभी जानते हैं कि हमारा पेट और दिल शरीर के बाएं ओर होता है। अतः अगर आप दाएं ओर करवट लेकर सोते हैं तो आपका पेट और दिल उलटी दिशा (opposite direction) की तरफ खिंचने लगते हैं।
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लंबे समय तक, इसी तरह सोने से, फूड भी ऑपोजिट डायरेक्शन में ट्रैवल करने लगता है जिससे खाए हुए भोजन को पर्याप्त मात्रा में पाचक रस नहीं मिल पाते हैं और खाना पचने में दिक्कत होती है और आप खराब पाचन क्रिया के शिकार हो जाते हैं।
इसके अतिरिक्त दाई ओर सोने से; दिल की बीमारियों का खतरा भी और अधिक बढ़ जाता है।
तो अगर आप खराब डाइजेशन (यानी आपको एसिडिटी खट्टी डकार पेट फूलने जैसी परेशानियां होती हैं) या दिल की किसी दिक्कत से परेशान हैं तो आपको कभी भी दाईं करवट लेकर नहीं सोना चाहिए।
3.पीठ के बल सोना :
अगर आप पीठ के बल सोते हैं तो आपको यह जानकर खुशी होगी कि आप की पोजीशन ऊपर वाली दोनों पोजीशन से ठीक है किंतु आदर्श नहीं।
4. बाईं ओर करवट लेकर सोना ( best sleeping position):
अगर आप बाईं ओर करवट लेकर सोते हैं तो आपके लिए यह बहुत ही खुशी की बात है कि आपकी यह पोजीशन (best sleeping position) बिल्कुल सही और उत्तम है। आयुर्वेद के अनुसार, बाईं ओर सोना बहुत ही अच्छा माना जाता है क्योंकि यह बहुत सी परेशानियों को कम करने में भी सहायक है।
बाईं ओर करवट लेकर सोना, आपके दिल, दिमाग, बाल, पाचन क्रिया, दिल सभी के लिए बेहतर होता है। इसके अतिरिक्त यह प्राकृतिक तरीके से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने (natural detoxification) के लिए भी अच्छा होता है।
बाईं ओर करवट लेकर सोने के फायदे:
हमने यहां तक तो जान लिया कि बाईं करवट सोना, काफी मायनों में अच्छा होता है लेकिन अब आप जानना चाहेंगे कि किस-किस बीमारियों में और आखिर क्यों यह पोजीशन अच्छी मानी जाती है!
A. बेहतर पाचन क्रिया: जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि पेट हमारे शरीर में बाईं ओर होता है। इस कारण बाईं ओर करवट लेकर सोने से, भोजन छोटी आंत से बड़ी आंत तक अच्छी तरह से ट्रेवल कर पाता है।
इससे उसमें पाचक रस (digestive juices) अच्छी तरह से मिल पाते हैं और जब आप सुबह उठते हैं तो आपका पेट आसानी से और अच्छी तरह साफ हो जाता है। इससे हमारा पैंक्रियाज़ भी अच्छी तरह से काम कर पाता है।
B. तंदुरुस्त दिल: अगर आप बाईं ओर करवट लेकर सोते हैं तो आपके दिल का ब्लड सरकुलेशन अच्छा रहता है। जिन लोगों को खासकर दिल की बीमारियां हैं उन्हें हमेशा लेफ्ट साइड ही करवट लेकर सोना चाहिए।
C. गर्भावस्था के लिए भी आदर्श पोजीशन:
आयुर्वेद और हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो गर्भवती स्त्रियों को हमेशा बाई करवट ही सोना चाहिए। यह उनके लिए और उनके बच्चे के लिए बेहतर साबित होता है।
इससे गर्भवती स्त्री की रीढ़ की हड्डी पर कम दबाव पड़ता है। गर्भावस्था में गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण, किडनी और लीवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ने लगता है (क्योंकि किडनी एवं लिवर शरीर के दाएं ओर होते हैं तो) लेकिन लेफ्ट साइड सोने से उन पर यह अतिरिक्त भार नहीं पड़ता है।
बाईं ओर सोने से, भ्रूण के विकास में भी सहायता मिलती है। भ्रूण में सही तरह से ब्लड सरकुलेट होता है। इसके अतिरिक्त सभी पोषक तत्व प्लेसेंटा तक आसानी से पहुंच पाते हैं।
D: रीढ़ की हड्डी या कमर के दर्द से छुटकारा पाने में सहायक:
बाईं ओर सोने से, रीढ़ की हड्डी पर कम दबाव पड़ता है और कमर के दर्द में आराम मिलता है। तो अगर आप कमर के दर्द से परेशान हैं तो बाईं ओर सोना प्रारंभ कर दें।
E. खर्राटों की समस्या से छुटकारा:
क्या आप जानते हैं कि बाई ओर सो कर आप अपने,खर्राटों की समस्या को बहुत हद तक कंट्रोल कर सकते हैं तो अगर आप भी खर्राटों से परेशान हैं तो बाईं ओर सोना शुरू कर दें।
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F. ब्लड प्रेशर और दिमाग के लिए भी अच्छा:
बाई करवट सोने से ब्लड प्रेशर और दिमाग के साथ-साथ शरीर के अंदरूनी अंगों की कार्यप्रणाली भी अच्छी तरह से काम कर पाती है। इससे लिवर और किडनी पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ता। एसिडिटी की समस्या खत्म होती है। गर्दन और कमर को आराम मिलता है।
उम्मीद है अब आप जान गए होंगे कि आपके लिए Best sleeping position कौन सी है।
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